tag:blogger.com,1999:blog-8660791779547883173.post4850408354421266766..comments2024-03-05T22:14:08.004+05:30Comments on EX-SERVICEMEN WELFARE: Exclusive: Kargil Army Chief's 48 Hours as Chief OROP Negotiator - by Barkha Dutt | GaviniVNhttp://www.blogger.com/profile/10714898741094006636noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8660791779547883173.post-62777314468789814142015-08-14T22:29:20.565+05:302015-08-14T22:29:20.565+05:30Pm sab elan karne se sab teek hojayegaPm sab elan karne se sab teek hojayegaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09801712059102066635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8660791779547883173.post-75990603763245507712015-08-14T21:29:40.286+05:302015-08-14T21:29:40.286+05:30Dear sir,
once OROP given acceptance by t...Dear sir,<br /><br /> once OROP given acceptance by the both government, any attempt to dilute it is equal to sacrilege of constitutional rights of ex army soldier. from my point of view prime minister is not knowledgeable , irresponsible and immature in the nation politics, he may be a hero in gujarat but zero in national politics who is behind the scene is mr arun jaitley who plays all sort of havoc and inhibitions to stall the realty of OROP, if MODI does not pronounce his fulfillment of his pre poll promises, do not bother let us wait for another four years, how long modi can play his drama, the end has come, but we should maintain discipline duty and dignity, see how MPs are behaving in the house. modi period in indian history is a dark era, no soldier and his kith kin will never forget his betrayal karunakaran ahttps://www.blogger.com/profile/09994604682604025409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8660791779547883173.post-59892224309214802882015-08-14T21:13:51.752+05:302015-08-14T21:13:51.752+05:30वन रैंक वन पेंशन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध: पार्रिकर...वन रैंक वन पेंशन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध: पार्रिकर<br />नई दिल्ली, विशेष संवाददाता First Published:14-08-2015 07:43:27 PMLast Updated:14-08-2015 08:11:16 PM<br /> <br />Image Loading<br />स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने अपने संबोधन में एक रैंक एक पेंशन योजना को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। हालांकि उन्होंने इसे लागू करने की कोई तिथि नहीं बताई है।<br /><br />वहीं सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से भूतपूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का तोहफा दे सकते हैं। इस योजना को लेकर हालांकि सरकार पहले से सहमत है लेकिन इस लागू करने में हो रही देरी के कारण भूतपूर्व सैनिकों में नाराजगी बढ़ रही है।<br /><br />उधर, बिहार में चुनाव सिर पर हैं और पूर्व सैनिक आंदोनल कर रहे हैं। ऐसे में संकेत हैं कि पीएम योजना को लागू करने की तिथि का ऐलान कर सकते हैं।<br /><br />रक्षा मंत्रालयय से जुड़े सूत्रों के अनुसार वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय का कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। ऐसे में उम्मीद है कि प्रधानमंत्री लालकिले की प्रचीर से इसकी घोषणा कर देंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8660791779547883173.post-80729837446396557532015-08-14T21:08:48.181+05:302015-08-14T21:08:48.181+05:30लाल किले से पीएम मोदी नहीं करेंगे वन रैंक, वन पेंश...लाल किले से पीएम मोदी नहीं करेंगे वन रैंक, वन पेंशन का ऐलान : सूत्र<br />Reported by NDTVIndia | Updated: Aug 14, 2015 19:08 IST<br />लाल किले से पीएम मोदी नहीं करेंगे वन रैंक, वन पेंशन का ऐलान : सूत्र<br />नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन पर सरकार की तरफ से कल कोई घोषणा नहीं होने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे हो रही बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। इसके अलावा इस मद के लिए सरकार को 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की जरूरत पड़ने वाली है, जिसका प्रावधान फिलहाल नहीं है।<br /><br />इससे पहले, केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौर ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन से सरकार का भावनात्मक जुड़ाव है और इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। इस बयान के बाद अटकलें लगने लगी थीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा कर सकते हैं।<br /><br />पूर्व सैनिक इस मसले को लेकर 60 दिन से जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। शुक्रवार सुबह सुरक्षा के मद्देनज़र जंतर-मंतर को खाली कराया जा रहा था और धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों को भी वहां से हटाने की कोशिश की गई।<br /><br />पूर्व सैनिकों को हटाए जाने की कोशिशों के दौरान पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। पूर्व सैनिकों का सवाल था, "क्या अब हम देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गए हैं...?" इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां बने रहने की इजाज़त दे दी।<br /><br />दरअसल, भूख हड़ताल पर बैठे कुछ पूर्व सैनिकों ने वहां से हटने से इनकार किया था, जिसके बाद उन्हें धक्का दिया गया और घसीटकर हटाने की कोशिश की गई। एनडीएमसी के ट्रकों को पूर्व सैनिकों द्वारा लगाए गए एक टेंट को उखाड़ते हुए देखा गया।Anonymousnoreply@blogger.com