Thursday, May 5, 2016

खुद नहीं, कोई आयोग बढ़ाए सांसदों का वेतन: पीएम मोदी

नई दिल्ली। 


वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद भी सांसदों के वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया पूरी होने में समय लग सकता है क्योंकि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि सांसदों को अपना वेतन खुद ही नहीं बढ़ाना चाहिए। 

सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा है कि सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए एक ऐसी प्रक्रिया अपनानी चाहिए जैसे कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के समय होती है। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा है कि सांसदों का वेतन भी किसी आयोग के तहत जैसे, पे कमीशन आदि से तय किया जाना चाहिए। 

संसद की विशेष समिति ने सांसदों के वेतन में बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी। इसके तहत सांसदों का वेतन 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई है। 

इसके साथ ही संसदीय क्षेत्र का भत्ते को 45 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने की अनुशंसा की गई। विशेष संसदीय समिति की इन सिफारिशों को अगर मान लिया जाता है तो सांसदों के वेतन में दोगुना बढ़ोत्तरी हो जाएगी। 



अभी सांसदों का कुल वेतन भत्ता 1 लाख 40 हजार है, जो बढ़कर सीधा 2 लाख 80 हजार रुपए हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली समिति ने पेंशन में भी 75 फीसदी बढ़ोत्तरी करने का सुझाव दिया है। 

विशेष समिति की ये थी सिफारिश? 



दरअसल संसद की विशेष समिति ने सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश की थी, जिसे वित्त मंत्रालय ने मंजूर कर दिया है और अब केवल पीएम नरेन्द्र मोदी की मंजूरी की दरकार है, जिसके बाद इसे कैबिनेट में पास करके संसद में एक विधेयक पारित कराना होगा। सूत्रों के अनुसार, पीएम नरेन्द्र मोदी सांसदों के वेतन में दोगुना बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं है। 


(SOURCE- STAFFNEWS/FACEBOOK POST OF PK BHATTACHARYA)

4 comments:

  1. Pension of MPs/MLAs should also be regulated. A minimum pension for full tenures and increase for subsequent tenures should be considered. No pension if some MP/MLA is accused by court of law.

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  2. Why not consider scheme like NPS for MP/MLAs also. After all they find it beneficial for other Government employees.

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  3. well said by PM Modi on mp/mla pay and allowances/pension hikes,there must be some time limit for enhancing their pay and allowances/pension,presently as and when they desire to increase their pay and allowances/pension they are free to do it may it be twice in a year or so on? it is rightly said that there must be some commission and period why which law makers can increase their pay and allowances/pension as they are not above the laws of the country,pay and allowances/pension of every central govt employees are being revised after every 10 years,why not any laws for them?govt must make some laws/rules on enhancement of pay and perks/pension of every mla/MP at least not less than 5 or 10 years time,thanks

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  4. As per orop recommendation table all non commissioned
    Millitary men should leave the service by 28 years of service after that the service rendered is not accounted for any purpose but for commissioned officers full leangth of service is accounted why this open discrimination can any indian justify

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