Monday, September 19, 2016

URI (J&K) OPS (ATTACK) : HOMAGE AND SALUTE SUPREME SACRIFICE ; RPI

Gen D Singh & all rks pay homage & salute supreme sacrifice of bravehearts in Uri &KOps.18Sep16




(Source- ADGPI Indian Army)

16 comments:

  1. "सिंधु जल संधि" भारत का नाभिकीय बम- सिंधु नदी संधि आधुनिक विश्व के इतिहास का सबसे उदार जल बंटवारा है. इसके तहत पाकिस्तान को 80.52 फीसदी पानी यानी 167.2 अरब घन मीटर पानी सालाना दिया जाता है. नदी की ऊपरी धारा के बंटवारे में उदारता की ऐसी मिसाल दुनिया की किसी और संधि में नहीं मिलेगी. दरअसल सिंधु समझौते के तहत उत्तर और दक्षिण को बांटने वाली एक रेखा तय की गई है, जिसके तहत सिंधु क्षेत्र में आने वाली तीन नदियां पूरी-की-पूरी पाकिस्तान को भेंट के तौर पर दे दी गई हैं और भारत की संप्रभुता दक्षिण की ओर तीनों नदियों के बचे हुए हिस्से में ही सीमित रह गई है.

    1960 में की गई यह संधि दुनिया की किसी भी जल संधि के मुकाबले ज्यादा दिक्कतें पैदा करती है. इन दिक्कतों की जड़ें पाकिस्तान से निकलती हैं. भारत पर लगाई गई सिलसिलेवार बंदिशों के चलते इन तीनों नदियों के सीमा पार प्रवाह की मात्रा और वक्तपर भारत का कोई नियंत्रण नहीं है. चिनाब और झेलम से सबसे ज्यादा पानी उस पार जाता है और तीसरी धारा खुद सिंधु की मुख्यधारा है. यह संधि वास्तव में दुनिया की इकलौती अंतरदेशीय जल संधि है, जिसमें सीमित संप्रभुता का सिद्धांत लागू होता है और जिसके तहत नदी की ऊपरी धारा वाला देश निचली धारा वाले देश के लिए अपने हितों की अनदेखी करता है. सिंधु जल संधि नेहरू जी द्वारा की गयी अनेको भयंकर भूलो में से एक है। ये सिर्फ एक भूल नहीं बल्कि इस देश के लिए अभिशाप है जिसमे भारत की नदियों का पानी भारत के लोगो से छीनकर दुश्मन देश को दिया जा रहा है। अफ़सोस तो ये है कि नेहरू को महान बनाये रखने के लिए उनके बंशजो ने भी इस संधि को रद्द करने के विषय में सोचा तक नहीं।।। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान के आतंक को रोकने के लिए भारत इस नाभिकीय बम का प्रयोग करे । सिंधु जल संधि को रद्द करे। यदि भारत ने ऐसा किया तो पाकिस्तान को रेगिस्तान बनने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। फिर पाकिस्तान आतंक फैलाना तो दूर इसके बारे में सोचेगा भी नहीं ।।
    दोस्तों ज्यादा से ज्यादा इस पोस्ट को शेयर करे ताकि सरकार तक पहुच जाये और हमारे निर्दोष जवानों का लहू बहना बंद हो।

    ReplyDelete
  2. *बहुत हो गयी मन की बात*
    *अब कर लो बंदूक से बात*

    17 जवानों की लाशों पर ...
    34 घरो के मातम पर .....
    53 बच्चो के अनाथ होने पर ...
    41 भाईयो के कंधो पर लदी लाशों पर ...
    140 करोड नम आंखो की कीमत पर ...

    नही चाहिए विकास .....
    नही चाहिए कांग्रेस मुक्त भारत ....
    नही चाहिए भ्रष्टाचार से मुक्ति ....
    नही चाहिए डिजीटल इन्डिया .....

    नही चाहिए .....नही चाहिए ....

    चाहिये हमे पुरा पाकिस्तान साफ 😡
    अब बहुत हो गया...

    *जवानों हम शर्मिंदा हैं*
    *करने को केवल निन्दा है*

    👏क्षमा याचना सहित👏

    ReplyDelete
  3. U R ABSOLUTELY RIGHT.NO BETTER WORDS FOR THE OVERALL SECURITY SITUATION.MODIJI IS TOTALLY IN A DENIAL MODE.INSTEAD OF STRENGTHENING OUR OWN DEFENCE MACHINE;PROBABLY FEELS THAT HE WOULD BE ABLE TO CHECKMATE PAK AND CHINA THROUGH BUREAUCRATS,POLICE PERSONNEL AND AMERICAN FORCES.GOD BLESS HIM WISDOM NOT TO IGNORE DEFENCE SERVICE PERSONNEL AND THEIR CHIEFS.

    ReplyDelete
  4. Dev Sir
    Planning and conduct of military operations and review of the sit must be left with the Chief and his staff and let no undesirable element to be a part of it.You are absolutely right.What a disgrace to our forces. Col Vijay Kumar (Rtd)

    ReplyDelete
  5. What to say to the govt. Of whichever political party at different times.They will never take an action that the time demands. One truth we should know that Neither Pakistan will stop nourishment of terrorism nor India will give up politics over soldiers deaths time and again.

    ReplyDelete
  6. For the follies of the government and the bureaucrats brave soldiers have last their precious lives in the hands of terrorists. If the security of the nation is important, it must be left to soldiers and not to different organizations to meddle As a veteran I offer my salutes to these brave men. Jai Hind.

    ReplyDelete
  7. @mukeshji. Xlent composed.very very realestic.thank u.

    ReplyDelete
  8. I salute all bravehearts who laid their lives in uri for the shake of mothetland.Heartfelt condolence to their families.May God give them utmost courage to come out this situation.Whole nation with them.Jaihind.

    ReplyDelete
  9. In my opinion, Pakistan army itself is actively involved in these attacks under the cover of terrorist groups and is capable of such activities. Our intelligence wings to investigate in this very deeply.

    ReplyDelete
  10. I salute brave soldiers. Their souls may rest in peace. May God comfort the bereaved families.

    ReplyDelete
  11. 😞😞😞😞😞😞😞😞😞
    कहते हैं..

    इन्सान सपना देखता है
    तो वो ज़रूर पूरा होता है.
    मगर
    किसान के सपने
    कभी पूरे नहीं होते
    बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है.

    बड़ा खुश होते हुए जाता है.

    बच्चों से कहता है
    आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा,

    पत्नी से कहता है..
    तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा.
    😞😞😞😞😞
    पत्नी:–”अरे नही जी..!”
    “ये तो अभी ठीक है..!”
    “आप तो अपने लिये
    जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

    जब
    किसान मंडी पहुँचता है .

    ये उसकी मजबूरी है
    वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता.

    व्यापारी
    उसके माल की कीमत
    अपने हिसाब से तय करते हैं.

    एक
    साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

    एक
    माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

    लेकिन किसान
    अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .

    खैर..
    माल बिक जाता है,
    लेकिन कीमत
    उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.

    माल तौलाई के बाद
    जब पेमेन्ट मिलता है.

    वो सोचता है
    इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

    अरे हाँ,
    बिजली का बिल
    भी तो जमा करना है.

    सारा हिसाब
    लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.

    वो मायूस हो
    घर लौट आता है
    बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं.

    “पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
    “हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

    पिता:–”वो क्या है बेटा..,
    कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
    दुकानदार कह रहा था
    इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

    पत्नी समझ जाती है, फसल
    कम भाव में बिकी है,
    वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.

    पति:–”अरे हाँ..!”
    “तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

    पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

    पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

    पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
    लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .

    और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.

    फिर अगले दिन
    सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
    एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.
    ….

    ये कहानी
    हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है
    …..

    हम ये नहीं कहते
    कि हर बार फसल के
    सही दाम नहीं मिलते,

    लेकिन
    जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.

    कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं..
    सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.
    ………

    कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.

    वो किस तरह
    फसल को पानी देता है.

    १५ लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है,

    २० किलो खाद की
    तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.

    अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.

    चिलचिलाती धूप में
    सिर का पसीना पैर तक बहाता है.

    ज़हरीले जन्तुओं
    का डर होते भी
    खेतों में नंगे पैर घूमता है.
    ……

    जिस दिन
    ये वास्तविकता
    आप अपनी आँखों से
    देख लेंगे, उस दिन आपके
    किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
    सब सस्ते लगने लगेंगे.
    JAI JAWAN JAI KISAAN

    ReplyDelete